कृष्ण सुदामा की मित्रता देख भाव विभोर हुए लोग
पटना सिटी : श्रीमद्भागवत महापुराण कथा रुकमणी विवाह प्रसंग में भगवान ने ऋषि रूपा गोपियों के साथ रासलीला की है ।भक्तों को वास्तविक आनंद में डूबने की लीला भगवान ने किया है। कंस आदि दुराचारी राक्षसों का नाश कर पृथ्वी पर धर्म का राज भगवान श्री कृष्ण ने स्थापित किया है। प्रेम स्वरूपा भक्ति को भगवान श्री कृषणः स्थापित किया है। जहाँ श्री राधे से प्रेम कर प्रेम रस की अद्भुत लीला रचाई। वहीं रुक्मणी से विवाह कर अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार कर गृहस्थ जीवन का निर्वाह कर अद्भुत संबंध दर्शाया है।
वहीं सुदामा से मित्रता कर छोटे बड़े का भेदभाव मिटा दिया है । महादरिद्र सुदामा और महाराजाधिराज द्वारकाधीश श्री कृष्ण की मित्रता
अनुकरणीय है, जहां राजा रंक, जात पात, ऊंच नीच का भेदभाव मिटाकर मित्रता के लिए श्रीकृष्ण ने सर्वश्रेष्ठ कीर्तिमान स्थापित किया है । भागवत सामाजिक समरसता को स्थापित करने वाली कथा है। वहीं सुरेश रूंगटा ने माल्यार्पण आरती कर प्रभु कृष्ण, बालव्यास जी का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद विजय कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन स्वागत अध्यक्ष शिव प्रसाद मोदी ने की, वहीं
कथा में डॉक्टर त्रिलोकी प्रसाद गोलवारा, ई मोहन प्रसाद, शिव मेहता, धर्मेंद्र कुमार, ललित अग्रवाल, पप्पू मोदी, आचार्य सत्यवीर श्रेष्ठ साधना शर्मा, मनोज गोप, विपिन कुमार, अशोक रस्तोगी, राजू यादव, विजय कुमार मिश्र, विपिन कुमार, जितेंद्र कुमार सहित दर्जनों लोग सक्रिय थे।
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