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चिराग पासवान ने टविट् कर कहा है कि बिहार सरकार द्वारा कल जारी किए गए जातिगत गणना के आकड़ों में पूर्णतः राजनीतिक साजिश दिखाई देती है, जिस तरीके से एक जाति विशेष को राजनीतिक लाभ दिलाने की दृष्टि से कई आकड़ों को जहां बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है तो वहीं कई ऐसी जातियां है जिसकी आबादी को कम करके दिखाने का प्रयास किया गया

चिराग पासवान ने टविट् कर कहा है कि बिहार सरकार द्वारा कल जारी किए गए जातिगत गणना के आकड़ों में पूर्णतः राजनीतिक साजिश दिखाई देती है, जिस तरीके से एक जाति विशेष को राजनीतिक लाभ दिलाने की दृष्टि से कई आकड़ों को जहां बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है तो वहीं कई ऐसी जातियां है जिसकी आबादी को कम करके दिखाने का प्रयास किया गया


   लोक जनशिक्त पार्टी (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने टविट् कर कहा है कि बिहार सरकार द्वारा कल जारी किए गए जातिगत गणना के आकड़ों में पूर्णतः राजनीतिक साजिश दिखाई देती है, जिस तरीके से एक जाति विशेष को राजनीतिक लाभ दिलाने की दृष्टि से कई आकड़ों को जहां बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है तो वहीं कई ऐसी जातियां है जिसकी आबादी को कम करके दिखाने का प्रयास किया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति में कई ऐसी छोटी जातियां है जिनको उनकी आबादी के अनुसार जनगणना में नही दिखाया गया है। पिछड़े वर्ग में कई ऐसी जातियां है जिनको उनके हिस्सेदारी के अनुसार उनके आकड़ें नही दर्शायें गए है, पासवान जाति में भी उनके आकड़े स्पष्ट रूप से नही दर्शायें गए है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से मौजूदा सरकार ने अपने अनुसार इन आकड़ों को साझा किया है। वैसे भी जातीय आधारित गणना में कोई पारर्दिशता रख नही गई थी, किसी को जानकारी तक नही थी कि जातीय जनगणना कराने की प्रक्रिया क्या है और न सिर्फ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता बल्कि आम बिहारी से भी जानकारी नही ली गई है कि कौन किस जाति से आता है। यह दर्शाता है कि बिहार सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ की दृष्टि से प्रस्तुत किए गए आकड़े को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास नकारती है। अभी भी इन आकड़ों मे सुधार करने की आवश्यकता है और कई ऐसी छोटी जातिया है जिनको इसमें नही दर्शाया गया है उनके साथ यह कहीं ना कहीं ये अन्याय है।

 

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