
मरणोपरांत हुआ नेत्रदान
दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान के फलस्वरूप पटनासिटी दुर्गा अपार्टमेंट मिरचाई गली के वरिष्ठ समाजसेवी ललित अग्रवाल की पूज्य माताजी 85 वर्षीया धर्मपरायण की स्तंभ कौशल्या देवी अग्रवाल स्मृतिशेष जी के निधन के बाद उनके परिवार ने नेत्रदान कराकर पीड़ित मानवता की सेवा में एक मिसाल कायम किया है। उनके परिवार के चाचा विनोद कुमार अग्रवाल सुपुत्र प्रकाश अग्रवाल मनोज अग्रवाल शिवकुमार अग्रवाल एवं परिवार के अन्य सदस्यों की सहमति से एवं समिति के सचिव गोविन्द कानोडिया उपाध्यक्ष संजीव यादव एवं मारवाड़ी सेवा समिति के अध्यक्ष संजीव देवड़ा की पहल से आईजीआईएमएस के नेत्रदान अधिकोष की टीम में डॉक्टर मारुति नंदन डॉक्टर तृप्ति ठाकुर डॉ संगीता कुमारी को कॉर्निया सौप पीड़ित मानवता की सेवा कर समाज को एक ऐसा संदेश दिया है जो आने वाली पीढ़ि के लिए प्रेरक होगा। नेत्रदानी की आंखों से 4-6 नेत्रहीनों को दृष्टि मिल सकेगी। मृत्यु निश्चित है परन्तु मृत्यु के पश्चात भी अमर हानें का श्रेष्ट तरीका है-नेत्रदान।
समिति नेत्र अधिकोष के सभी पदाधिकारियों को इस नेक कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित करती है
समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद एवं महासचिव श्री विमल जैन, पद्मश्री जी ने जागरूक नागरिकों से अनुरोध किया है कि मृत्यु को जीवन का अंत न बनाएँ, संकल्प लेकर नेत्रदान/अंगदान/देहदान करने का संकल्प ले और महर्षि दधीचि की इस परपंरा को अपनाकर पीड़ित मानवता की सेवा में अपना योगदान दे
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