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कलांतर २०२१ राष्ट्रीय आर्ट फेस्टिवल का उद्घाटन २ अक्टूबर को किया जायेगा

कलांतर २०२१ राष्ट्रीय आर्ट फेस्टिवल का उद्घाटन २ अक्टूबर को किया जायेगा

 

कला के क्षेत्र में अग्रणी समाज सेवी संस्था कलांतर आर्ट ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आर्ट फेस्टिवल का उद्घाटन २ अक्टूबर को होगा. ये निर्णय कलांतर की कार्यवाहक समिति की सत्रह सितम्बर की बैठक में हुआ। सूचना देते हुए कलांतर की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती पूजा श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष से कलांतर में पेंटिंग प्रतियोगिता के साथ ही लेखन, संगीत तथा अभिनय प्रतियोगिता को भी शामिल किया गया है। पूजा ने यह भी बताया कि ये प्रतियोगिताएं पूर्णतया निःशुल्क होंगी। किसी भी स्तर पर कोई भी प्रतिभागिता शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रतियोगिता को निःशुल्क रखने का उद्देश्य है कि देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस बड़े मंच पर प्रतिभाग करने से वंचित न रह जाये। 

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प्रतियोगिता तीन चरणों में कराई जाएगी। पहले चरण में पेंटिंग तथा लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी दूसरे चरण में संगीत प्रतियोगिता तथा तीसरे चरण में अभिनय व् नाटक प्रतियोगिता होगी। सभी प्रतियोगिता की तिथियों तथा विषय की विस्तृत जानकारी ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में दी जाएगी जिससे प्रतियोगियों को विषय को समझने में आसानी हो। आर्ट फेस्टिवल पूरे तीन माह चलेगा। 

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कलांतर २०२१ के पूरे आयोजन का सहयोग प्रसिद्द आर्ट कंपनी इनसॉल कर रही है। आर्ट फेस्टिवल में विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं भी सहभागिता कर रही हैं। जहां एक ओर सरकारी संस्थाओं में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, शहरी तथा आवास मामलों के मंत्रालय तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, डीआरडीओ शामिल हैं वहीं गैर सरकारी संस्थाओं में आर्ट एजुकेशन फर्म एडु-आर्ट, सीम सोलूशन्स तथा आर्ट सबके लिए सहयोग कर रही हैं। 


स्वतंत्रता की पचहत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर कलांतर २०२१ की प्रतियोगिताएं भी आज़ादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाई जाएंगी। पूजा श्रीवास्तव के अनुसार इस वर्ष प्रतियोगिता के अधिकतर विषय भारत वर्ष की सांस्कृतिक विरासत तथा देश की स्वर्णिम इतिहास से जुड़े हुए होंगे। पूजा ने आगे बताया कि जहाँ एक ओर इस प्रतियोगिता का लक्ष्य है कि देश के कोने कोने से छुपी हुई कला प्रतिभाओं को सामने लाया जाए वहीं दूसरी ओर हम लोगों को देश के स्वर्णिम इतिहास को जानने तथा समझने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। 


आयोजन समिति के सदस्य तथा संस्था के महाराष्ट्र प्रमुख श्री भारतेन्दु ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कलांतर ने अपनी विभिन्न गतिविधियों के द्वारा कला से समाज परिवर्तन की दिशा में अभिन्न काम किये हैं। भारतेन्दु का कहना है कि कलांतर के संस्थापक श्री विशाल श्रीवास्तव का उद्देश्य है कि शीघ्र ही कला के द्वारा एक ऐसा आंदोलन लाया जाए जिससे समाज में फ़ैल रही सारी कलुषताएँ समाप्त हो जाएं। उनका मानना है कि कला में वो अद्भुत शक्ति है जिससे बुरे से बुरे व्यक्ति के चरित्र में परिवर्तन लाया जा सकता है। 


बैठक में मुख्य रूप से कलांतर के उपाध्यक्ष श्री शिव नारायण तथा राजेश श्रीवास्तव, कलांतर शिक्षक वर्ग की संयोजक श्रीमती हरियाली श्रीवास्तव, कलांतर लखनऊ की संयोजक श्रीमती विभावरी सिंह, कलांतर युवा क्लब के संयोजक आर्यन सिन्हा तथा अक्षरा, कलांतर गाज़ियाबाद की संयोजक प्रिया सिंह, कलांतर देवरिया के संयोजक श्री सुजीत कुशवाहा, कलांतर जौनपुर के संयोजक श्री अमरदीप चौरसिया, कलांतर प्रयागराज के संयोजक श्री दीपक सिंह आदि उपस्थित रहे।

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