
कैट बिहार ने जीएसटी कौंसिल पर विरोध जताया -अशोक
कैट बिहार ने जीएसटी कौंसिल पर विरोध जताया -अशोक
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने पूरे प्रदेश में जीएसटी कौंसिल का सड़क पर उतर कर विरोध जताया।
प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने मिडिया को बताया कि इससे गरीब गुरुवा के जेब पर सीधा चोट है इससे महंगाई भी बढ़ेगी।
संयुक्त महासचिव आर सी मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी कौंसिल ने 1100 बार लगभग संशोधन किया है लेकिन अगर व्यापारी से किसी भी तरह की गलती हो जाए तो तुरंत पेनाल्टी का प्रावधान है जो कि गलत है। पिछले 18 जुलाई से घरेलू सामान जैसे आटा, पनीर और दही समेत ये चीजें महंगी हो गई।
प्रिंस कुमार राजू ने कहा है कि जीएसटी उन उत्पादों पर लग रहा है जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए.’
श्री वर्मा ने बताया कि हाल ही में सरकार ने कई वस्तुओं की GST दरों में बदलाव किया है. जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के लागू होने के चलते ग्राहकों को 18 जुलाई से कुछ सामानों के अधिक पैसे देने होंगे. सोमवार से ग्राहकों को 5,000 रुपये से अधिक किराए वाले अस्पताल के कमरों के लिए 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा. इसके अलावा आटा, पनीर और दही जैसे प्री-पैक्ड, लेबल वाले फूड आइटम पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. इनके 25 किलोग्राम से कम वजन के पैक पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है. 1,000 रुपये प्रति दिन तक के टैरिफ वाले होटल के कमरे, मैप और चार्ट, जिसमें एटलस भी शामिल है, पर 12 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगेगा. वहीं, टेट्रा पैक पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया . इसके साथ ही, बैंक अब चेक जारी करेंगे (लूज या किताब के रूप में), तो उस पर भी टैक्स लगेगा.
पिछले महीने, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें जीएसटी काउंसिल ने डिब्बा या पैकेटबंद और �
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