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धरती की है अब यही पुकार आ चल मां गंगा को संवार

धरती की है अब यही पुकार आ चल मां गंगा को संवार

धरती की है अब यही पुकार आ चल मां गंगा को संवार

शौर्य पटना :- बिहार वासियों ये हमारे लिए अति गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश के, पटना निकट सबलपुर दियरा क्षेत्र में स्थित गंगाधाम में अगले वर्ष 2023 में अप्रैल मास से एक विशाल उत्सव का आयोजन होने जा रहा है, जिसका नाम गंगोत्सव रखा गया है। इस ग्यारह दिवसीय गंगोत्सव में अनेकानेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।इस गंगोत्सव में नौ दिवसीय श्री श्री गंगा अवतरण यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसका आयोजन सैकड़ों वर्षों से नहीं हुआ है।यह हमारे लिए अति गर्व कि बात है कि हम सभी बिहार वासी इसके साक्षी बनेंगे। जैसा कि अनेकानेक वेदाचार्यो एवं धर्म गुरूओं से परामर्श से ये ज्ञात हुआ कि यह पावन यज्ञ पुरे प्रदेश हीं नहीं अपितु सारे विश्व कल्याण के लिए उसी प्रकार से फल दायक होगा जैसा प्राचीन काल में श्री भगीरथ ने मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित करने हेतु घोर तपस्या कर अपने पूर्वजों का उद्धार किया था।
इस गंगोत्सव की दुसरी बड़ी विशेषता इसकी श्री श्री गंगा महाआरती होगी जो कि सिर्फ स्त्रीयों द्वारा संचालित होगा।हम सभी बिहार वासीयों को इस बात का भी सौभाग्य प्राप्त होगा कि पहली बार विश्व पटल पर नारी सशक्तिकरण को बल देने वाला अपना बिहार पहला प्रदेश कहलाएगा या कहें या बनेगा जहां पहली बार 500 स्त्रियों द्वारा मां गंगा को समर्पित नृत्य एवं गायन लेजर प्रकाश की उपस्थिति में श्री श्री गंगा महाआरती का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। गंगा लीला एवं लंगर का आयोजन किया जाएगा।अनेकानेक वेदाचार्यो धर्म गुरुओं के प्रवचन सुनने का सौभाग्य प्राप्त होगा।विश्व पटल पर पहली बार हमारे बिहार की धरती पर देशभर ही नहीं विदेशों के भी राजा महाराजाओं के समागम का आयोजन किया जा रहा है, जोकि अपने आप में एक अनोखा दृश्य होगा।इसके अलावा अनेकानेक कार्यक्रमों का भी
आयोजन किया जाएगा।गंगोत्सव का मुख्य उद्देश्य है भविष्य में गंगा धाम का निर्माण एवं बिहार के पर्यटन को अति बल प्रदान करना ताकि रोजगार के अवसर हम अपने युवाओं को प्रदान करा सकें।
अतः आप सभी से सादर पूर्वक अनुरोध है कि
इस गंगोत्सव को एक सफल उत्सव बनाने में
अपना अपना योगदान दे। आप सभी को इस बात से भी अवगत कराना चाहुंगा कि इस गंगोत्सव कि शुरुआत गंगा जयंती से किया जा रहा है जो कि एक बड़ा हीं पावन दिन है और इस दिन इस क्षेत्र में जो कि गंगा -सोन-गंड़क का त्रिवेणी स्थल है उसमें स्नान करने का अति विशेष महत्व है।

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