Advertisment

Advertisment
जातीय जनगणना के आंकड़े में फर्जीवाड़ा, सरकार जांच कराए- न्याय मंच

जातीय जनगणना के आंकड़े में फर्जीवाड़ा, सरकार जांच कराए- न्याय मंच


*जातीय जनगणना के आंकड़े में फर्जीवाड़ा, सरकार जांच कराए- न्याय मंच*

*जातीय जनगणना में जातियों की आर्थिक स्थिति की आंकड़े अविलंब जारी करे सरकार- पवन राठौर*

-----------------------------

पटना, न्याय-मंच, बिहार के संस्थापक पवन राठौर ने बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय जनगणना को फ़र्ज़ी बताते हुए कहा है कि बिहार सरकार इस फर्जीवाड़े की जांच कराए क्योंकि आंकड़े फ़र्ज़ी और अव्यवहारिक दिखते हैं।

         ये बातें मंच के संस्थापक पवन राठौर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया। आगे पवन राठौर ने कहा कि सरकार जातीय जनगणना के आंकड़े तो आनन-फानन में जारी कर तो दिया लेकिन आर्थिक स्थिति की आंकड़े तो जारी नहीं किया, इससे सरकार की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा होता है आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों? केवल व केवल राजनीति दृष्टिकोण से बिहार सरकार ने जारी किया है ना कि राज्य की जनता के हित में।

                 आगे पवन राठौर ने राज्य सरकार से मांग की है कि अविलंब जातियों की आर्थिक स्थिति की भी आंकड़े जारी करे। तब तो मालूम चले कि वर्तमान आंकड़े की आर्थिक स्थिति सामाजिक तौर पर क्या है? आगे राठौर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग में खासकर सवर्ण जातियों की जनगणना कम होते जा रही है और अन्य जातियां खासकर पिछड़े की संख्या लगातार बढ़ रही है, ये दर्शाता है कि आंकड़े में फर्जीवाड़ा हुआ है या फिर जनगणना सही तरीके से नहीं हुई है। राज्य सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराते हुए जनगणना की खामियों को दूर करते हुए नए सिरे से जनगणना कर तब वास्तविक आंकड़े जारी करे।

0 Response to "जातीय जनगणना के आंकड़े में फर्जीवाड़ा, सरकार जांच कराए- न्याय मंच"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article