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गणतंत्र दिवस पर पटना के दवा दुकानदारों का दर्द, 'हमारी कौन सुनेगा?'

गणतंत्र दिवस पर पटना के दवा दुकानदारों का दर्द, 'हमारी कौन सुनेगा?'


 गणतंत्र दिवस पर पटना के दवा दुकानदारों का दर्द, 'हमारी कौन सुनेगा?'

पटना : खुदरा दवा विक्रेता संघ ने गणतंत्र दिवस पर झंडा फहरा बयां किया अपना दर्द, दवा का 'खेल' भी बताया

पटनाः राजधानी में आज धूमधाम से गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया। गांधी मैदान के साथ साथ पार्टी कार्यालय सहित तमाम संगठनों के लोगो ने भी झंडोतोलन किया। वहीं इस अवसर पर खुदरा दवा विक्रेता एसोसिएशन ने भी यारपुर बलराम बाबा आश्रम में झंडोत्तोलन किया। वही संघ के द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर भी बाते रखी गईं की किस तरह से उनलोगों को नुकसान पहुंचाया गया है। संघ का कहना है कि उनके द्वारा खरीदी गई दवाएं कई बार न बिकने के बाद एक्सपायर हो जाती हैं। ऐसे में इन दवाओं को थोक दुकानदारों से क्लेम कर पैसा वापस लिया जा सकता है। ऐसा नियम भी है। इनका आरोप है कि कि थोक दुकानदार ऐसे क्लेम को 2-2 साल तक लटका देते हैं, जबकि उन्हें कंपनी से इसका क्लेम जल्द ही मिल जाता है। ऐसे में सरकार के हस्तक्षेप की जरूरत है। संघ के ऑर्गनाइजेशनल सेक्रेटरी अमर कुमार बबलू ने NBT को बताया कि उनकी दूसरी समस्या है कि ऑनलाइन दवाओं से लोगों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि इसमें बड़े-बड़े कॉरपोरेट भारी तादाद में दवाओं को ज्यादा मार्जिन पर सीधे कंपनी से मंगवा कर बेचते हैं। लेकिन खुदरा दुकानदारों के पास ये विकल्प नहीं है, उन्हें बीच में यानी थोक दुकानकारों से कॉरपोरेट से काफी कम मार्जिन में दवाएं मिलती हैं। ऐसे में उनके पास ग्राहकों की कमी हो जा रही है। छोटी दवा दुकानें तो बंद होने के कगार पर हैं। संघ का कहना है कि सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए। कम दिखाएं

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