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बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने नाबार्ड के तत्वाधान में होटल मौर्या में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी का उद्घाटन किया

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने नाबार्ड के तत्वाधान में होटल मौर्या में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी का उद्घाटन किया

*नाबार्ड द्वारा किए गए ऋण संभाव्यता के आकलन से आत्मनिर्भर बिहार और राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में मिलेगी मदद...उपमुख्यमंत्री*

*● बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने नाबार्ड के तत्वाधान में होटल मौर्या में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी का उद्घाटन किया।*

*● नाबार्ड ने बिहार के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 145809 करोड़ रुपए की ऋण संभाव्यता का किया आकलन।*
पटना 28 दिसंबर 2021 
 नाबार्ड के तत्वावधान में स्थानीय होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नाबार्ड ने बिहार के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 145809 करोड़ रुपए की ऋण संभाव्यता का आकलन किया है, जिससे आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर बिहार अभियान के साथ-साथ राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में मदद मिलेगी। इस अवसर पर जारी स्टेट फोकस पेपर में कृषि और संबद्ध क्षेत्र के साथ-साथ एम.एस.एम.ई. और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में बैंकों को तत्परता से काम करने का सुझाव दिया गया है।
     उन्होंने कहा कि बिहार के अधिकांश जिले बाढ़-सुखाड़ और अतिवृष्टि-अनावृष्टि के कारण प्रत्येक वर्ष तबाह होते हैं, ऐसी स्थिति में राज्य में टिकाऊ विकास के मॉडल पर काम करने की जरूरत है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के आय को दोगुना करने हेतु कई महत्वकांक्षी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि के मार्ग प्रशस्त हो रहे हैं। किसान उत्पादन संगठन एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में उभर रहा है, जो बिहार के लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है। इस दिशा में नाबार्ड का कार्य सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता की वृद्धि की दिशा में बेहतर काम कर रही है। बिहार में कृषि के क्षेत्र में राज्य के अनुकूल इको-सिस्टम बनाने में सक्रिय है, जो राज्य में अधिक-से-अधिक किसान उत्पादक संगठन के लिए आवश्यक है।
     उन्होंने कहा कि आज की स्टेट क्रेडिट संगोष्ठी का लाभ बिहार के किसानों को मिलेगा एवं इस अवसर पर नाबार्ड द्वारा जारी किए गए स्टेट फोकस पेपर में सुझाए गए बिंदु के क्रियान्वयन से किसानों के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
     इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक डॉ० सुनील कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि स्टेट फोकस पेपर राज्य के सभी 38 जिलों के लिए आकलन हेतु ऋण प्रवाह का संकलन है, जिसमें वर्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के तहत 145809 करोड़ के ऋण संभाव्यता का अनुमान है। 2022-23 के लिए कृषि क्षेत्र में 87874 करोड़ की ऋण क्षमता का अनुमान लगाया गया है, जिसमें से अल्पावधि और दीर्घकालिक ऋण की संभावना क्रमशः 49529 करोड़ और 38345 करोड़ रुपए है। कृषि सावधि ऋण के तहत डेयरी (7132 करोड रुपए), जल संसाधन (3726 करोड़ रुपए), कृषि मशीनीकरण (5124 करोड़), भंडारण सुविधाएं (5298 करोड़) और कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण (4541 करोड़) रुपए हैं। एम.एस.एम.ई. के तहत ऋण संभाव्यता का आकलन 39370 करोड़ रुपए किया गया है। संभाव्यता के आकलन हेतु एक विस्तृत परामर्शी की प्रक्रिया अपनाई गई है।
      उक्त मौके पर पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, कृषि सचिव श्री एन. सरवन कुमार, आर.बी.आई. के क्षेत्रीय निदेशक श्री संजीव दयाल सहित विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी एवं बैंकों से जुड़े प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
 

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