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बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के खिलाफ एडवा की प्रदर्शन

बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के खिलाफ एडवा की प्रदर्शन


*बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा के खिलाफ एडवा की प्रदर्शन*

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) बिहार राज्य कमिटी की ओर से 3 मार्च 2022 को केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा पेश जनविरोधी एवं महिला विरोधी बजट के खिलाफ राजधानी पटना में प्रदर्शन किया गया। बुद्ध स्मृति पार्क से जुलूस निकाला जो डाक बंगला चौक आकर सभा में तब्दील हो गया! प्रदर्शन से पूर्व बुद्ध पार्क के पास महिलाओं का पंचायत लगाया! जनवादी महिला समिति के नीलम देवी की अध्यक्षता में सभा की गई, जिसको एडवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपरी, बिहार राज्य सचिव गीता सागर, संयुक्त सचिव सुनीता कुमारी, सरिता पाण्डे, संजू यादव, बिन्दू कुमारी, नमिता सिंह, बवीता देवी, फुलवा कुन्ती, हिरा देवी, सुधा देवी मंजु देवी अपनी देवी रेखा देवी मुन्की देवी कामनी सिंह, कविता देवी, रूबी देवी, रेणू देवी, प्रमिला देवी, बिन्दू कुमारी इत्यादि नेताओं ने सम्बोधित किया। प्रदर्शन में जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, कुमार निशांत, एस एफ आई के दीपक सागर ने आंदोलन में एकजुटता प्रकट की!

 वक्ताओं ने बताया कि 2021-22 का जो बजट आया है, उसमें महिलाओं, किसान-मजदूरों और छात्र-युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है वित्त मंत्री का खाली पिटारा है। इस बजट में ंसिर्फ पूँजीपतियों और कारपोरेट वर्ग को खुष किया गया है। शहरी रोजगार शुरू करने के बजाय, मनरेगा योजना में 25 हजार करोड़ की कटौती करके ग्रामीण गरीबों को और भी बेरोजगार किया गया है। भूख के मामले में 107 देश में भारत का 94वाँ स्थान हैं। महिलाओं में खून की कमी और बच्चें कुपोषित है। 77 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे है। इसके बावजूद खाद्य सब्सीडी में 16 प्रतिशत की कटौती गरीबों को भूखमरी की ओर धकेल दिना है। रसोई गैस, खाद्य तेल की कीमत आसमान छू रही है। शराबबंदी, और समाज सुधार के नाम पर सरकार खजाना लुटा रही है, लेकिन यहाँ मनरेगा में काम नहीं है। गरीब महिलाओं को रोजगार के लिए सरकारी बैंकों से लोन नहीं दिया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर वर्षों से बसे गरीबों की झोपड़ी उजारी जा रही है। शराबबंदी का झूठा प्रचार किया जा रहा है। कल्याणकारी योजना में लूट है। पटना के गायघाट शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना ने फिर से बिहार को शर्मसार किया है। महिला हिंसा बलात्कार की घटनाओं मेें बाढ़ आ गई है।

प्रदर्शन के माध्यम से एडवा ने निम्नलिखित मांगें उठायी है।

1. रसोई गैस की कीमत 500 रू॰ और सरसो तेल 100 से नीचे करो।

2. सभी व्यक्ति को प्रत्येक महीना 10 किलो मुफ्त राशन दो।

3. महिलाओं को रोजगार के लिए सरकारी बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराओ।

4. शहरी एवं ग्रामीण गरीबों को बासभूमि एवं गृह निर्माण के लिए 5 लाख रूपया दो।

5. महिला हिंसा पर रोक लगाने के लिए सरकार के द्वारा ठोस कदम उठाया जाय।

6. गायघाट शेल्टर होम की घटना में दोषी व्यक्तियोें को सजा दो।

7. आषा, आंगनबाड़ी, रसोइया को स्थायी नौकरी दो या 21 हजार रूपया मानदेय दो।

8. शराबबंदी के लिए शराब माफिया को कड़ी से कड़ी सजा दो।

9. वृद्ध, विधवा एवं विकलांग को 3000 रूपये प्रत्येक महीना पेंशन दिया जाय।

10. सिलिंग वाली जमीन पर बसे गरीबों की झोपड़ी उजाड़ने पर रोक लगायी जाय एवं भूमिहीनों को वास के लिए 10 डिसमिल जमीन दिया जाय।

       सभा के बाद प्रदर्षनकारियों द्वारा बुद्ध स्मृति पार्क से डाकबंगला चैराहा तक जुलूस निकाला गया। महिलाएँ केन्द्र और राज्य सरकार की महिला विरोधी जनविरोधी नीति के खिलाफ जोरदार नारा लगा रही थी ।

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