
जीएसटी के खिलाफ व्यवसायी सड़क पर उतरकर किया धरना-प्रदर्शन
• मंसूरगंज मंडी बंद कर सड़कों पर उतरे व्यापारी
पटना सिटी : केंद्र सरकार द्वारा दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले अनाज पर 5% टैक्स लगाने पर व्यवसाइयो में आक्रोश व्याप्त है. वहीं पूरे देश में काला कानून का विरोध जारी है. अनाज पर पांच फीसदी जीएसटी लगाए जाने के विरोध में शनिवार को दिल्ली खाद्यान्न व्यवसायी संघ की ओर से पूरे भारत में खाद्यान्न प्रतिष्ठानों को बंद करने का घोषणा किया गया था. जिसके समर्थन में मंसूरगंज मंडी के सभी दुकानदारों ने अपने अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को एक दिन के लिए बंद रखा. वहीं तीन दिन पूर्व से ही दुकानदार काला बिल्ला लगाकर सरकार द्वारा पांच फीसदी जीएसटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
शनिवार को दुकानों को बंद कर सरकार द्वारा लागू काले क़ानून का विरोध जताया और अनाज पर 5% टैक्स लगाए जाने पर विरोध मार्च निकाला, साथ ही धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार और वित्तमंत्री के खिलाफ जमकर नारे बाजी की. वही व्यवसायों ने काला कानून वापस लेने और अनाज पर 0% टैक्स करने की मांग भी की. व्यवसाय संघ का कहना था कि इस सरकार में मंहगाई अब चरम सीमा पर है ऊपर से अब अनाज पर 5% टैक्स लगाकर गरीबों के थाली से अनाज भी छीनना चाह रही है. केंद्र सरकार सिर्फ कोरपोरेट घराने को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह का षड्यंत्र रच रही है. व्यवसाईयो का कहना है कि उनकी मांग पूरा नहीं होने पर उनका विरोध जारी रहेगा. अध्यक्ष राजेश कानोडिया ने कहा कि यह व्यवसाय अमीर-गरीब सभी से जुड़ा है, इसलिए यह कानून लागू नहीं होना चाहिए. वहीं बंदी से सरकार व व्यापारियों को करोड़ों-अरबो का नुकसान हुआ. बंदी के समर्थन में अध्यक्ष राजेश कनोडिया, मुकेश कुमार, अनिल कुमार, अखिलेश कुमार गुप्ता, रितेश कुमार, सचिन कुमार, अशोक प्रसाद, राजेश सोनी, संजय कुमार, गोल्डन कुमार, रामप्रीत, विजय, मल्लू प्रसाद, अजय कुमार, पिंटू कुमार, श्रवण कुमार सहित अन्य सक्रिय थे.
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