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बिहार के पहले प्रधानमंत्री बैरिस्टर मो. यूनुस का 140 वां जयंती समारोह पर कार्यक्रम हुआ आयोजित

बिहार के पहले प्रधानमंत्री बैरिस्टर मो. यूनुस का 140 वां जयंती समारोह पर कार्यक्रम हुआ आयोजित


बिहार के पहले प्रधानमंत्री बैरिस्टर मो. यूनुस का 140 वां जयंती समारोह पर कार्यक्रम

भारतीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

बिहार विधान परिषद् के उपभवन सभागार में हुआ कार्यक्रम

पटना:हार के पहले प्रधानमंत्री बैरिस्टर मोहम्मद यूनुस के 140 वीं जयंती पर आज बिहार विधान परिषद् के उपभवन सभागार में ‘भारतीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. कार्यक्रम का आयोजन बैरिस्टर मोहम्मद यूनुस मेमोरियल कमिटी की ओर से किया गया था.

संगोष्ठी में मुख्य रूप से माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, बिहार सरकार के कानून मंत्री डा. शमीम अहमद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री मो. इसराइल मंसूरी, कौमी तंजीम के एडिटर अशरफ फरीद, जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद श्री नीरज कुमार, जेपी विवि छपरा के कुलपति डाॅ. फारूक अली, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव, पूर्व मंत्री श्री श्याम रजक, विधान पार्षद खालिद अनवर, पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता योगेशचंद्र वर्मा आदि शामिल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन बैरिस्टर मोहम्मद यूनुस के परपौत्र मोहम्मद काशिफ यूनुस ने किया. काशिफ यूनुस ने कहा कि जब जब फासीवादी ताकतें इतिहास को मिटाने का काम करेंगे तब तब जमीन से सदन तक और सरकार तक संघर्ष करके हम इतिहास को फिरसे जिंदा करेंगे.

मौके पर महबूब आलम ने कहा कि बिहार के पहले प्रधानमंत्री बैरिस्टर मो. यूनुस का नाम सरकारी फाइलों व दस्तावेजों में सरकारी तौर पर शामिल किया जाना चाहिए. इस मामले में हम सरकार से अपील करेंगे. उन्होंने कहा कि आज देश का लोकतंत्र व संविधान गहरे संकट में है. भाजपा इसे खत्म करके देश में मनुस्मृति को ही संविधान लागू कर देने पर आमदा है. आज इस देश के मुसलमानों पर चैतरफा हमला है. उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिशें चल रही हैं. ऐसे में बैरिस्टर मोहम्मद यूनुस जैसे आजादी की लड़ाई लड़ने वाले योद्धाओं के रास्ते हमें चलना होगा. हमें देश की गंगा-जमुनी तहजीब की हिफाजत करनी होगी.

जदयू के मुख्य प्रवक्ता श्री नीरज कुमार ने संगोष्ठी ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बैरिस्टर मो. यूनुस को अपनी किताब में कई जगहों पर चर्चा की है. अपनी बेटी को लिखे खतों में उनका उल्लेख किया है. बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने बैरिस्टर मो. यूनुस की याद में राजकीय समारोह कार्यक्रम की शुरूआत की. हम सभी महागठबंधन के लोग एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. देश में भाजपा से लोकतंत्र को खतरा है. 2024 के चुनाव में इन लोगों को देश की गद्दी से हटाने का संकल्प हम सबको लेना होगा.

योगेशचंद्र वर्मा ने कहा कि आज न्यायालय की स्वायतता भी खतरे में है. उसे लगातार कमजोर करने की कोशिश हो रही है. न्यायालय की आजादी पर 2014 के बाद यह हमला बढ़ा है, जो देश के लोकतंत्र के लिए कहीं से भी उचित नहीं है. सारी संस्थाएं आज मोदी के कब्जे में है. न्यायालय को इस मामले में देश के लोकतंत्र व संविधान की हिफाजत की जिम्मेवारी लेनी चाहिए.

मंत्री शमीम अहमद ने कहा कि जब वे पहली बार विधायक बने तो बैरिस्टर मो. यूनुस के बारे में जानने का प्रयास किया, लेकिन कोई किताब तक उपलब्ध नहीं थी. जरूरत इस बात की है कि ऐसे लोगों के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा बताया जाए. आज इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है. ऐसे में सही इतिहास को बचाने की जिम्मेवारी हम सबके उपर है. यह बीड़ा आयोजकों ने उठाई है.

इसराइल मंसूरी ने कहा कि पहली बार मो. यूनुस साहब की जयंती में आने का मौका मिला. उनके बारे में बहुत कुछ नहीं जानता था, आज यहां आकर बहुत कुछ जाना समझा.

डाॅ. फारूक अली ने इस मौके पर अपने विश्वविद्यालय में बैरिस्टर मो. यूनुस और गुमनाम आजादी के नायकों पर सेमिनारों का सीरिज आयोजित करने की बात कही. जनाब अशरफ फरीद साहब ने कहा कि मोहम्मद यूनुस के द्वारा उर्दू भाषा को सरकारी जवान बनाने का काम किया गया इसके अलावा भी लोकल बॉडी का चुनाव और कई महत्वपूर्ण काम यूनुस सरकार ने किया.

शशि यादव ने कहा कि आज देश के छात्र-नौजवानों-महिलाओं-अकलियतों सबको एक मंच पर आकर लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी लेनी होगी.

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