पंचतत्व में विलीन हुए संस्कृति उन्नायक पुरुषोत्तम दास रस्तोगी
पटना सिटी : भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के उन्नयन एवं संवर्द्धन के प्रति सर्वात्मना समर्पित पुरुषोत्तम दास रस्तोगी जी का जन्म 5 जुलाई 1931 को स्व० जगन्नाथ दास रस्तोगी जी के सम्पन्न परिवार में हुआ था. परिवार एवं परिचितों में श्री रस्तोगी छोटे बाबू के नाम से मशहूर थे.
कला-संस्कृति के विकास एवं उन्नयन में दिए गए इनके बहुमूल्य योगदान को बिहार के महामहिम राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी तथा राज्यपाल एम० रामाजोइस द्वारा वर्ष 2004 में इन्हें सम्मानित भी किया गया था. उन्होंने बिहार की कला-संस्कृति को अपनी पुस्तक - 'संस्कृति दर्पण' में समेटने सहेजने का महती कार्य किया था. वहीं दाहिने अंग में पक्षाघात के कारण आयी शिथिलता से इन्होंने अपने संस्कृति-कर्म को कभी प्रभावित होने नहीं दिया. यह विशेष रुप से उल्लेख्य है कि जब ये बिछावन पर हिल-डुल भी नहीं सकते थे तब अपने बाएँ हाथ से अपनी कल्पना को चित्रों के रुप में मूर्त रुप देना शुरू कर दिया था.
पुरुषोत्तम दास रस्तोगी जी का 92वें वर्ष की उम्र में उनका देहवसान हो गया. प्रमुख समाजसेवी, संगीतज्ञ व कुशल व्यवसायी पुरुषोत्तम दास रस्तोगी का अंतिम संस्कार रविवार को खाजेकलां घाट पर किया गया. जहां सैंकड़ों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. मुखाग्नि उनके सुपुत्र, पटना सिटी स्वर्ण व्यवसायी संघ के अध्यक्ष शशि शेखर रस्तोगी ने दी. कचौड़ी गली स्थित निवास स्थान से अंतिम यात्रा निकली तो लोगों का हुजूम एक झलक पाने को उमड़ पड़ा. पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक नंदकिशोर यादव उनके निवास स्थान से घाट तक अंतिम यात्रा में शामिल रहे. श्री यादव ने कहा कि पुरुषोत्तम दास जी का इस तरह से चले जाना पटना सिटी के लिए अपूर्णीय क्षति है. आज मैंने अपना अभिभावक तुल्य मार्गदर्शक खो दिया. वहीं उनकी अंतिम यात्रा में डॉ. एस.ए. कृष्णा, मोहन चतुर्वेदी, नवीन रस्तोगी, संजीव कुमार यादव, प्रभाकर मिश्रा, पूर्व पार्षद मनोज कुमार, बलराम चौधरी, राकेश कपूर, देवानंद तिवारी, अमित रस्तोगी, सौरभ रस्तोगी, स्वप्निल रस्तोगी, कन्हाई पटेल, रविशंकर प्रीत, शिव प्रसाद मोदी, बी.एन. कपूर, अनिल रश्मि, आलोक चोपड़ा, संजय राय, देवरत्न प्रसाद, मो. जावेद, धीरज सहगल, समेत विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनो से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया.
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