
तख्त पटना साहिब मेें श्रद्धा पूर्वक मनाया गया पंचम पातशाह का शहीदी पर्व
ठंडे व मीेठे जल की छबील व गुरु के लंगर बांटे गये
पटना सिटी : तख्त श्री हरिमन्दिर जी पटना साहिब बिहार में पंचम पातशाह साहिब श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का 416वां शहीदी गुरुपर्व जेठ सुदी चौथ के अनुसार आज श्रधा भावना के साथ मनाते हुए दीवान सजाए गये साथ ठंडे मीठे जल की छबील व गुरु के लंगर अटूट बांटे गये। हजारों की गिनती में संगतों ने पहुंचकर तख्त साहिब में हाजरी भरकर पंचम पातशाह की शहादत पर उन्हें श्रधा सुमन अर्पित किए। तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर ए मस्कीन द्वारा संगतों को गुरु इतिहास की कथा श्रवण करवाई गई। इस मौके पर तख्त साहिब के महासचिव इन्द्रजीत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगजोत सिंह सोही, उपाध्यक्ष एवं धर्म प्रचार के मुखी लखविन्दर सिंह, सचिव हरबंस सिंह खनूजा ने विशेश तौर पर हाजरी भरी।
तख्त साहिब के महासचिव इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि प्रातः अमृत वेले से शहीदी पर्व को संबंधित होकर दीवान सजाए गये भाई अरविन्द सिंह निरगुण हजूरी रागी, भाई जोगिन्दर सिंह हजूरी रागी, भाई हरभजन सिंह जी हजूरी रागी द्वारा संगतों को गुरबाणी कीर्तन द्वारा निहाल किया गया। सिंह साहिब ज्ञानी सुखदेव सिंह एवं ज्ञानी सतनाम सिंह जी पंजाब द्वारा गुरु इतिहास की कथा संगत को श्रवण करवाई गई। उपरांत ठंडे मीठे जल की छबील संगतों के सहयोग के साथ लगाई गई। गुरु के लंगर अटूट चलते रहे। सः इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि आज हमारी युवा पीड़ी को यह बताना अति आवश्यक है कि गुरु साहिब ने शहीदी क्यों दी और कैसे अनेक कष्ट सहकर भी उन्होंने जालिमों के आगे झुकने से इन्कार कर दिया और सब कुछ गुरु का भाणा मानते हुए स्वीकार किया और तेरा भाणा मीठा लागै हर नाम पदार्थ नानक मांगे। उन्होंने कहा मैं दावे के साथ कहता हूं कि अगर युवा पीड़ी अपने गौरवमई इतिहास की जानकारी प्राप्त कर ले तो वह चाहकर भी सिखी से दूर नहीं जा सकते बस हम सभी का फर्ज बनता है कि उनका सही मार्गदर्शन करते रहें।
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