
बिस्मिल्लाह खां विश्व के लाल थे : प्रभात कुमार धवन
लोकवाद्य शहनाई को शास्त्रीय वाद्य की श्रेणी में खड़ा किया खा साहेब ने : डॉ. ध्रूव कुमार
* बिस्मिल्लाह खां विश्व के लाल
थे : प्रभात कुमार धवन
* जीवन का अधिकांश पल
मंदिरों में गुजारा खां साहेब
ने कहा था : नेक आलम
* सफल संगीत निर्देशक साथ
सम्पूर्ण वादक, गायक थे खां
साहेब : अनिल रश्मि.
पटना सिटी। संगीत लोगों को बांटता नहीं , जोड़ता है। बिस्मिल्लाह खां साहेब ने पूरे विश्व को अपने व्यवहार औऱ शहनाई वादन से एकता का संदेश दिया ।उन्होंनें कहा कि लोकवाद्य शहनाई को शास्त्रीये वाद्य के रूप में पूरे विश्व में सम्मान सिर्फ़ खां साहेब ही दिला सकते थे, और इसे स्थापित किया। वो एक ऐसे नायाब हीरा थे , जिसकी चमक से
आज भी पूरी दुनियाँ चमत्कृत है।नई पीढ़ी इस वाद्ययंत्र को सीखे औऱ इनकी विरासत को संजोए ये बातें आज जंगली प्रसाद लेन
स्थित स्वरांजलि सभागार में सुर सम्राट , शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां साहेब की पुण्यतिथि पर स्वरांजलि द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर कलाकारों को संबोधित करते हुए कही। * बिस्मिल्लाह खां विश्व के लालथे । साहित्यकार प्रभात कुमार धवन ने कहा।उन्होंनें अपना उद्गगार बिस्मिल्लाह खां पर साहित्य की विधा " हाइकू " के द्वारा व्यक्त किया ... .....बिस्मिल्लाह खां एकता के प्रतीक " पद्म भूषण " बिस्मिल्लाह खां "भारत शिरोमणि " विश्व प्रिय वे । * शिक्षाविद नेक आलम ने बताया कि खां साहेब ने कहा था मैनें अपने जीवन का अधिकतर समय मन्दिर में रियाज़ करने में गुजारा,
कभी मेरे साथ भेदभाव नहीं हुआ। संगीत से ऊपर उठकर आप जीवन को जियेंगे , तो पूरी
दुनियाँ एकसूत्र में पिरो जाएगी।संगीत ना केवल एक विधा है, बल्कि महामंत्र है जिसकी आराधना से मानव के भावनाओं की तृप्ति होती है। हम उन्हें नमन करते हैं।संयोजक व गायक अनिल रश्मि ने कहा " संगीत - राग " सभी इंसानों के रगों में है, जरूरत है
उसे सुर ताल में छेड़ने की । हृदय शांत, तो विश्वशांति की कल्पना की जा सकती है बिस्मिल्लाह खां साहेब शिर्फ़ शहनाई सम्राट नहीं थे , एक सफ़ल संगीत निर्देशक के साथ
उम्दा गायक, वादक भी थे। पटना साहिब में उनके नाम पर संगीत विश्वविद्यालय खोलने की माँग लगातार की जा रही है, अब
यह माँग सरकार ने पूरीे नहीं की है, जिससे कलाकारों में मायूसी छाई है। राज्य सरकार इसे अविलंब पूरा करे । यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रारंभ में उनके तैलचित्र पर आगत अतिथियों व कलाकारों
नें पुष्प व मालाएं अर्पित कीं।मंच संचालन : जितेंद्र कुमार पाल धन्यबाद ज्ञापन : दूधेश्वर प्रसाद गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का समापन ... दिल का खिलौना हाय टुट गया गाकर हुआ जिसे गाया नीतिन कुमार वर्मा ने मौक़े पर संजय यादव , राजा पुट्टू, रोहन कुमार , विपिन मंडल, सुनीता रानी, प्रीति कुमारी, बबली कुमारी सहित कई लोग मौजूद थे।
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