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पादरी की हवेली में ईसाई समुदाय ने मिस्सा पूजन का किया आयोजन

पादरी की हवेली में ईसाई समुदाय ने मिस्सा पूजन का किया आयोजन


 पादरी की हवेली में ईसाई समुदाय ने मिस्सा पूजन का किया आयोजन

पटना सिटी : 8 अप्रैल की मध्यरात्रि सारे ईसाई समुदाय के भाई-बहन महागिरजाघर पादरी की हवेली में एकत्रित हुए और उन्होंने प्रभु यीशु के मृत्यु पर विजय को मनाने हेतु मिस्सा बलिदान में भाग लिया।रात्रि 10:30 बजे मिस्सा पूजन का आयोजन रखा गया जिसे पल्ली पुरोहित फादर ललित बारा, सहायक पल्ली पुरोहित फादर प्रदीप ने चढ़ाया।इस पूजन विधि को सफल बनाने में पादरी की हवेली पल्ली वासियों में रिचर्ड रंजन, अभिषेक पैट्रिक, विक्टर अलफोंस,सुरेंद्र कुमार,ओडिल लाकड़ा,ज्योति अलफोंस, बिहार अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एंब्रोस पैट्रिक,पूजा एन शर्मा,अजीता कुजूर,माता सदासहायिका की धर्मबहने, मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सिस्टरगण,युवा संघ एवं अन्य पल्ली वासियों ने अपना योगदान दिया।पूरे ईसाई समुदाय की आस्था इस महापर्व ईस्टर पर ही टिकी हुई है जिसमें प्रभु ईसा मसीह ने मृत्यु पर विजय प्राप्त की| 

गुड फ्राइडे जिसे प्रभु यीशु की मृत्यु का दिन माना जाता है,उसके तीसरे दिन ईसा मसीह ने पुनरुत्थान किया। यह पर्व ईसाइयों द्वारा बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।लोग अपने घरों को सुसज्जित कर इस्टर ऐग से सजाते हैं।लोग अपने रिश्तेदारों से भेंट कर उन्हें इस पर्व की बधाई देते हैं।इस पर्व में इस्टर ऐग की बहुत मान्यता है क्योंकि एक अंडा नए जीवन का,नई आत्मा का प्रतीक होता है। उसी तरह इस्टर भी प्रभु येशु के पुनः आगमन का,उनकी मृत्यु पर विजय का प्रतीक है।ईश्वर ने अपने जी उठने से यह संदेश दिया है कि इंसान जिस क्षण भी चाहे वह अपने जीवन का नवीनीकरण कर सकता है, अपने पुराने पाप से भरे जीवन का त्याग कर एक नई दिशा में अपने कदम बढ़ा सकता है। ईसाई समुदाय के लोग इस दिन अपने परिवारजनों को इस महापर्व की बधाई देते हैं और उनके घर उपहार लेकर पुनर्जीवित ईश्वर की शुभकामनाएं देते हैं।



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